रहिमन धागा मेत्रैयी का Rahiman dhaga maitri ka Neetu Singh Jadon

 रहिमन धागा मेत्रैयी का

रहिमन धागा मैत्री का मत तोड़ो चटकाय

टूटे से फिर ना जुड़े जुड़े गांठ पड़ जाए ।


अनुयाई ढूंढे जो वह मित्र कहां से पाए

कदम कदम जो साथ चले तो राह सुगम हो जाए

रहिमन धागा मैत्री का मत तोड़ो चटकाय ।


आप ही गूंथे , आप पकावे ,आप ही बैठा खाए

रहमान तृप्ति हुआ तू , दूजा भूखा रह जाए

रहिमन धागा मैत्री का मत तोड़ो चटकाय ।


आकर आकर प्रेम का जोड़ा , बैरी दिया बताय

स्वार्थी सत्य छुपाने को कीमत दी लगाय

रहिमन धागा मैत्री का मत तोड़ो चटकाय ।


अचरज है देख के दुनिया कैसा सूप सुभाए

मन की भर ली कटोरे में , निंदा दई उडाय

रहिमन धागा मैत्री का मत तोड़ो चटकाय ।