बदला-बदला सा हाल, चेहरा, सुलझा,हाल,badala-badala sa haal, chehara, sulajha,haal
बदला-बदला सा हाल
बदला-बदला सा हाल रहता है मेरा,
क्यों बंद आंखों से देखता हूं चेहरा तेरा
क्यों तन्हाइयों में अक्सर हंसा करता हूं
और हल्की सी मुस्कान के साथ क्यों चुप हो जाता हूं
क्यों अब दोस्तों का साथ रास नहीं आता
क्यों अकेले बैठकर गाने को जी चाहता
आखिर क्यों बदला बदला सा हाल रहता है मेरा
क्यों बंद आंखों से देखता हूं चेहरा तेरा
पलकें बंद कर जागता हूं
जमीन पर खड़ा होकर भी आसमा छानता हूं
आखिर क्यों बदला बदला हाल रहता है मेरा
क्यों बंद आंखों से देखता हूं चेहरा तेरा
सुलझा हुआँ था में कभी
अब तुम्हारे ख्यालों मे उलझनें लगा हूँ
आखिर क्यों बदला बदला हाल रहता है मेरा
क्यों बंद आंखों से देखता हूं चेहरा तेरा
बदला-बदला सा हाल, चेहरा, सुलझा,हाल,badala-badala sa haal, chehara, sulajha,haal