-: उलझन:-
कुछ समझ में नहीं आता
क्या करूं, क्या नहीं
राह पकडु, कौन सी
कुछ समझ में नहीं आता
मन करता है, यह करु
परिस्थिति कहती है, वह कर
पापा कहते हैं, यह सही
भैया कहते, वह सही
अपने आप को संभाला था
किसी तरह
वक्त के तेज थपेड़ों से
लेकिन आज उन्होंने
दिखाई एक अलग ही राह
मन तो करता है
इस पर चलने का
उड़ने का
पर ना जाने
कौन आवाज देता है
पीछे से
क्या करूं,क्या नहीं
नहीं आता कुछ समझ में